क्या Multi-Cap Funds में निवेश करना बेहतर है या आपको Large, Mid और Small Cap में अलग से निवेश करना चाहिए?
भारत में म्यूचुअल फंड को 50 साल से अधिक समय हो गया है। और पिछले कुछ वर्षों में म्यूचुअल फंड उद्योग का एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) बढ़कर 24 लाख करोड़ रुपये हो गया है। लेकिन भारत की जीडीपी के संदर्भ में यह बहुत कम है। फिर भी, भारतीयों की कुल घरेलू बचत का केवल एक छोटा सा हिस्सा इक्विटी और म्यूचुअल फंड जैसी वित्तीय परिसंपत्तियों में निवेश किया जाता है। लोग अभी भी रियल एस्टेट और सोने में निवेश करना पसंद करते हैं।
म्यूचुअल फंड खुदरा निवेशकों के लिए निवेश का सबसे अच्छा साधन हैं। पेशेवर प्रबंधन, निवेश विविधीकरण और वित्तीय तरलता म्यूचुअल फंड की मुख्य विशेषताएं हैं। म्यूचुअल फंड आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक आदर्श निवेश विकल्प है। आपके प्रत्येक वित्तीय लक्ष्य के अनुरूप निवेश के लिए म्यूचुअल फंड उपलब्ध है। आपको सेवानिवृत्ति, बाल शिक्षा और विवाह जैसे दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों (Long-Term Financial Goals) के लिए हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund) या मल्टी कैप फंड (Multi-Cap Fund) में निवेश करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि लंबे समय में, इक्विटी को किसी अन्य एसेट क्लास की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना है। छह महीने से एक साल जैसे छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों जैसे की कार या होम लोन के डाउन पेमेंट का भुगतान करने के लिए शॉर्ट और मीडियम टर्म डेट म्यूचुअल फंड्स (Debt Mutual Fund) उपलब्ध हैं। अगर आप टैक्स बचाना चाहते हैं तो आपको ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम) में निवेश करना चाहिए। और यदि आप विदेश में निवेश करना चाहते हैं, तो उसके लिए अंतरराष्ट्रीय फ़ंड (International Fund) भी उपलब्ध है।
आप अलग-अलग फंड श्रेणियों से अपनी जरूरत के हिसाब से किसी भी फंड में निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको इसके बेंचमार्क से इसके प्रदर्शन की तुलना करनी चाहिए। इसके अलावा, फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड, उसका अनुभव और फंड का खर्च का अनुपात (Expense Ratio) भी निवेश से पहले ध्यान में रखना चाहिए। आप केवल 500 रुपये प्रति माह से म्यूचुअल फंड में एसआईपी शुरू कर सकते हैं। एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करना आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक आदर्श निवेश रणनीति है।
आम आदमी के पास शेयरों में सीधे निवेश करने के लिए रिसर्च करने का समय और क्षमता नहीं है। म्यूचुअल फंड उनके लिए एक उत्कृष्ट विकल्प प्रदान करते हैं। क्योंकि म्यूचुअल फंड में रिसर्च की जिम्मेदारी फंड मैनेजर की होती है। आपको यह सवाल होना स्वाभाविक है कि इतने सारे म्यूचुअल फ़ंडस में से किन फ़ंडस में निवेश करना चाहिए। और आप कैसे जान पाएंगे कि कौन सा म्यूचुअल फंड आपके लिए सही है? क्योंकि 44 AMC (Asset Management Company) द्वारा बाजार में 2000 से अधिक म्यूचुअल फंड योजनाएं उपलब्ध हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करना चाहिए? Why should one invest in mutual funds?
म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक आसान निवेश विकल्प प्रदान करते हैं। म्यूचुअल फंड आपको उच्च रिटर्न, विविधता और विशेषज्ञ प्रबंधक के अनुभव का लाभ देते हैं। नतीजतन, निवेशक पारंपरिक निवेश साधनों की जगह म्यूचुअल फंड में तेजी से निवेश कर रहे हैं। म्यूचुअल फंड के जरिए निवेशकों को अलग-अलग स्टॉक्स में निवेश करने का मौका मिलता है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपके पोर्टफोलियो को विविधीकरण का लाभ होता है। और जब बाजार अस्थिर होता है और कुछ शेयरों का प्रदर्शन खराब होता है, तो आपका जोखिम भी विभाजित हो जाता है।
इसके अलावा, म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले, आप फंड के निवेश उद्देश्य (Investment Objective) और फंड मैनेजर की निवेश रणनीति (Investment Strategy) को पहले से जान सकते हैं। जिस तरह आप आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, उसी तरह आप म्यूचुअल फंड से अपना पैसा भी निकाल सकते हैं। म्यूचुअल फ़ंड में आपके निवेश की अवधि और निवेश के प्रकार के मुताबिक म्यूचुअल फंड पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) या शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) वसूला जाता है। और अगर आपकी इनकम टैक्सेबल है तो आप ELSS (Equity Linked Savings Scheme) में निवेश करके टैक्स बचा सकते हैं। इसलिए निवेशक निवेश के अन्य विकल्पों की तुलना में म्यूचुअल फंड का अधिक चयन कर रहे हैं।
प्रत्येक म्यूचुअल फंड निवेशक को विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड और निवेश की विभिन्न शैलियों के बारे में जानना चाहिए।
म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं? How many types of mutual funds are there?
इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund)
इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) अपने पैसे का अधिकतम आवंटन शेयरों में करते हैं। इस तरह के फंड का मुख्य उद्देश्य आपके निवेश को बढ़ाना है।
डेट फंड (Debt Fund)
डेट फंड (Debt Fund) अपने पैसे को डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स जैसे डिपॉजिट, बॉन्ड और कॉर्पोरेट डिबेंचर में निवेश करता है।
हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund)
हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund) इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स के बीच अपने पैसे को संतुलित करते हैं। इस प्रकार का फंड रूढ़िवादी निवेशक के लिए एक आदर्श विकल्प है।
आर्बिट्राज फंड (Arbitrage Fund)
आर्बिट्राज फंड (Arbitrage Fund) का फायदा यह है कि यह बाजार के विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध निवेश के अवसरों का अच्छा इस्तेमाल कर सकता है। बाकी सभी तरीकों से इसकी निवेश शैली हाइब्रिड फंड के समान है। इस प्रकार आर्बिट्राज फंड में जोखिम का संतुलन बेहतर होता है।
ईटीएफ फंड (ETF)
ईटीएफ फंड (ETF) इंडेक्स आधारित फंड होते हैं। उसका स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग किया जाता है। ईटीएफ अपने पैसे को बॉन्डस, कमोडिटीस और स्टॉकस में निवेश करते हैं।
इसके अलावा लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप और मल्टी कैप फंड कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर निवेश करते हैं।
NFO (New Fund Offer)
NFO (New Fund Offer) के द्वारा AMCs नए फ़ंड को लॉंच करती हैं। आप एनएफओ में ऑनलाइन या म्यूचुअल फंड एजेंट के माध्यम से निवेश कर सकते हैं।
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म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए किन स्ट्रेटजीस का इस्तेमाल किया जाता हैं?
Value based Funds
इस स्ट्रेटजी में उस प्रकार के शेयरों में निवेश करना शामिल है जो बाजार में अपने आंतरिक मूल्य से कम कीमत पर उपलब्ध हैं।
Growth based Funds
इस स्ट्रेटजी में उन शेयरों में निवेश करना शामिल है जिसका मूल्य औसत मूल्य से अधिक हैं।
Dividend based Funds
इस तरह के फ़ंड में ज्यादा डिविडेंड देनेवाली कंपनीयों के स्टॉक्स में निवेश किया जाता हैं।
Open Ended Funds
इस तरह के फ़ंड में निवेशक अपनी इच्छानुसार निवेश कर सकते हैं और वापस भी ले सकते हैं।
Close Ended Funds
इस तरह के फंड में, निवेशक अपने पैसे को जब तक फंड का लॉक-इन पीरियड खत्म नहीं हो जाता तब तक पैसे नहीं निकाल सकते।
SIP (Systematic Investment Plan)
एसआईपी एक नियमित निवेश करने की व्यवस्था है। इसके जरिए आप अपने पसंदीदा फंड में नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं। सिर्फ 500 रुपये से आप एसआईपी शुरू कर सकते हैं।
STP (Systematic Transfer Plan)
एसटीपी के माध्यम से आप अपने निवेश को एक फंड से दूसरे फ़ंड में ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन नियम यह है कि दूसरा फंड उसी कंपनी का होना चाहिए।
SWP (Systematic Withdrawal Plan)
एसडब्ल्यूपी के जरिए आप थोड़े -थोड़े अंतराल पर म्यूचुअल फंड से अपना निवेश वापस ले सकते हैं। सेवानिवृत्त व्यक्ति के लिए एसडब्ल्यूपी सबसे अधिक फायदेमंद है। क्योंकि एसडब्ल्यूपी के माध्यम से वे निवेशित रहकर अपनी दैनिक जरूरतों के लिए नियमित आय अर्जित कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले किन कारकों (Factors) को ध्यान में रखना चाहिए?
- आप म्यूचुअल फंड के पिछले सालों के प्रदर्शन के आधार पर भविष्य के प्रदर्शन का अनुमान लगा सकते हैं। लेकिन भविष्य अनिश्चित है, इसलिए सिर्फ अतीत के प्रदर्शन पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
- आपको अपने फंड के प्रदर्शन की तुलना उसके बेंचमार्क से करनी चाहिए। इसके अलावा आपको अपने फंड की तुलना उसी कैटेगरी के फंड से करनी चाहिए।
- किसी भी तरह का निवेश करने से पहले उसकी अवधि जानना जरूरी है।
- जो फ़ंड ज्यादा रिटर्न देता है सिर्फ उस में ही निवेश करना चाहिए, ऐसी गलत धारणा से दूर रहना चाहिए। इस रिटर्न को पाने के लिए फंड ने क्या रिस्क लिया है, यह जानना भी जरूरी है।
- आपको म्यूचुअल फंड रिस्कोमीटर (Riskometer) को देखकर अपनी जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए।
- एक जागरूक निवेशक के रूप में,Standard Deviation, Beta, Sharpe Ratio, R Squared और Alpha जैसे जोखिम कारकों (Risk Factors) के बारे में बुनियादी जानकारी होना आवश्यक है।
इसके अलावा, निवेश निर्णय करने से पहले म्यूचुअल फंड मैनेजर का एक्सपीरियंस, फंड इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव, एक्सपेन्स रेशियो, एग्जिट लोड, पोर्टफोलियो एलोकेशन और फंड टर्नओवर जैसे मुद्दों को ध्यान में रखना जरूरी है। इस तरह लंबे समय में म्यूचुअल फंड में ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि म्यूचुअल फंड में पोर्टफोलियो के विविधीकरण (Portfolio Diversification) से जोखिम संतुलित होता है।
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