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क्या Multi-Cap Funds में निवेश करना बेहतर है या आपको Large, Mid और Small Cap में अलग से निवेश करना चाहिए?

 

हमें लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप या मल्टी-कैप फंड में से किस प्रकार के फंड में निवेश करना चाहिए वह समझें , उससे पहले यह जानते हैं कि इन फंड श्रेणियों में क्या अंतर है। 

 

अब सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि किस आधार पर इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) को अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। इसका सीधा सा जवाब यह है कि इक्विटी म्यूचुअल फंड को उस कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड्स को मुख्य रूप से उनके मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप।  

 

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या है ?

 

चलिए अब हम मार्केट कैप को सरल भाषा में समझते हैं। कंपनियों के शेष शेयरों के बाजार मूल्य को मार्केट कैपिटलाइजेशन कहा जाता है।

 

मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर कंपनियों को लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉलकैप श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। अब SEBI द्वारा लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप का अर्थ स्पष्ट किया गया है।

 

  • मार्केट कैपिटलाइजेशन के मुताबिक 1 से 100 नंबर तक की कंपनी को लार्ज कैप कंपनी कहा जाता है।
  • मार्केट कैपिटलाइजेशन के मुताबिक 101 से 250 नंबर तक की कंपनी को मिड कैप कंपनी कहा जाता है।
  • मार्केट कैपिटलाइजेशन के मुताबिक 251 से ऊपर की कंपनियों को स्मॉलकैप कंपनियां कहा जाता है। 

 

लार्ज-कैप फंड (Large-Cap Fund) क्या है ?

 

लार्ज-कैप फंड एक ओपन एंडेड इक्विटी फंड (Open Ended Equity Fund) है जो अपनी कुल संपत्ति का 80% हिस्सा लार्ज-कैप कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करता है। लार्ज-कैप कंपनियां आर्थिक रूप से मजबूत होती हैं और उनका बहुत अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड होता है। म्यूचुअल फंड्स में लार्ज-कैप फंड्स अन्य फंड्स जैसे मिड कैप और स्मॉल-कैप के मुकाबले कम जोखिम वाले होते हैं। क्योंकि लार्ज-कैप फंड देश की 1 से 100 नंबर की ब्लू चिप कंपनियों में निवेश करते हैं। यह फंड ज्यादातर निफ्टी 50 इंडेक्स में शामिल कंपनियों में निवेश करता है। लार्ज-कैप फंडस निवेशकों को स्थिर रिटर्न प्रदान करते हैं।इस कैटेगरी में पिछले पांच साल का औसत रिटर्न 7% के आसपास रहा है। 

 

लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड्स में मुख्य रूप से लार्ज-कैप कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश किया जाता है। इसलिए इस स्कीम के फंड मैनेजर को इनवेस्टमेंट स्कीम के मकसद को ध्यान में रखकर स्टॉक्स का चयन करना चाहिए। लार्ज-कैप कंपनियों के बारे में जानकारी बहुत आसानी से उपलब्ध है। इसलिए इस स्कीम के फंड मैनेजर को स्कीम के निवेश के मकसद (Investment Objective) को ध्यान में रखते हुए स्टॉक्स का चयन करना चाहिए। अगर फंड मैनेजर शेयरों के चुनाव में सावधानी बरतें तो अच्छा और स्थिर रिटर्न मिल सकता है। और अगर आपकी जोखिम लेने की क्षमता कम है तो आपको लार्ज-कैप फंड में निवेश करना चाहिए।

 

मिड-कैप फंड (Mid-Cap Fund) क्या है ?

 

मिड-कैप फंड एक ओपन एंडेड इक्विटी फंड (Open Ended Equity Fund) है जो अपनी कुल एसेट्स का 65% हिस्सा मिड-कैप कंपनियों में निवेश करता है। मिड-कैप कंपनियों का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा है। यदि आप सीमित जोखिम लेने की क्षमता रखते हैं तो इस फंड में निवेश आपको बहुत अच्छा रिटर्न दे सकता है। मिड-कैप फंड्स लार्ज-कैप की तुलना में अधिक जोखिम वाले होते हैं लेकिन स्मॉल कैप फंड्स की तुलना में कम जोखिम वाले होते हैं। मिड-कैप फंड्स में लार्ज-कैप फंड्स के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना होती है। मिड-कैप कंपनियों में निवेश करने से पहले फंड मैनेजर को इन कंपनियों पर रिसर्च करने की जरूरत होती है। क्योंकि मिड-कैप कंपनियों के बारे में जानकारी लार्ज कैप कंपनियों की तरह आसानी से उपलब्ध नहीं है। और कुछ मिड कैप कंपनियों की भविष्य में लार्ज-कैप कंपनियां बनने की संभावना भी है। इसलिए, मिड-कैप म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर को ऐसी कंपनियों में निवेश के अवसरों की तलाश करनी चाहिए और मिड-कैप फंड के पोर्टफोलियो को संतुलित (Portfolio Rebalance) करना चाहिए। जिन निवेशकों में मध्यम स्तर का जोखिम लेने की क्षमता है, उन्हें मिड-कैप फंड में निवेश करना चाहिए।

 

स्मॉल-कैप फंड (Small-Cap Fund) क्या है ?

 

स्मॉल-कैप फंड एक ओपन एंडेड इक्विटी फंड (Open Ended Equity Fund) है, जो अपनी कुल संपत्ति का 65% स्मॉल-कैप शेयरों में निवेश करता है। लार्ज कैप फंड्स और मिड कैप फंड्स की तुलना में स्मॉल- कैप फंड्स ज्यादा जोखिम भरे होते हैं। लेकिन इस रिस्क के मुकाबले स्मॉल-कैप फंड्स को सबसे ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना है। ज़्यादातर अधिक जोखिम उठाने कि क्षमता वाले निवेशकों को इस फ़ंड में निवेश करने की सलाह दी जाती है। इस कैटेगरी में निवेश करने से पहले, आपको फंड मैनेजर के अनुभव के बारे में जानना होगा। स्मॉल- कैप म्यूचुअल फंड मैनेजर को इस सेक्टर की कंपनियों में रिसर्च का अनुभव होना चाहिए। क्योंकि इस सेक्टर की कंपनियों में काफी उतार-चढ़ाव होते हैं।

 

हर निवेशक को याद रखना चाहिए कि स्मॉल-कैप फंड्स लार्ज-कैप और मिड-कैप फंड्स की तुलना में ज्यादा अस्थिर हैं। लेकिन अगर हम पिछले रिटर्न की तुलना करें तो स्मॉल-कैप फंड्स में ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना है। आपको अपनी रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर स्मॉल-कैप फंड्स में निवेश करना चाहिए। स्मॉल-कैप फंड्स के निवेशकों को बहुत धैर्य रखने की जरूरत है।

 

जबकि मल्टी-कैप फंड (Multi-Cap Fund) किसी भी मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों में निवेश कर सकते है, इसके पोर्टफोलियो में लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों के शेयर भी शामिल हो सकते हैं।  मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स की तुलना में मल्टी-कैप फंड्स कम जोखिम भरे हैं।  

 

यदि आप किसी Good Track Record  वाले Fund Manager की पहचान कर सकते हैं तो अपने पैसे को Multi-Cap Fund में निवेश करना बेहतर है।

 

पोर्टफोलियो को Re-Balance करना क्यों आवश्यक है?

 

इसके अलावा, अपने पोर्टफोलियो को Re-Balance करना आवश्यक है क्योंकि शेयर बाजार cyclical है। शेयर बाजार (Share Bazaar) में कभी Small-Cap का performance अच्छा होता है तो कभी Mid-Cap का performance अच्छा होता है तो कभी Large-Cap अच्छा perform करता है, तो कभी-कभी Large-Cap, Mid-Cap और Small-Cap ऐसे तीनों  का performance अच्छा होता है।

 

जब आप Small-Cap में निवेश करते हैं और शेयर बाजार (Share Bazaar) में सुधार आता है, तो आप को Small-Cap में नेगेटिव रिटर्न  भी मिल सकता  हैं। ऐसे समय में Mid-Cap   STRUGGLE करते दिखते  है लेकिन Mid-Cap और Small-Cap  की तुलना में Large-Cap में सुधार अपेक्षाकृत कम होता है।

 

यदि आपने Multi-Cap Fund में निवेश किया है, तो आपको बाजार के सभी तीन segments जैसे कि Large, Mid और Small-Cap के लिए एक्सपोज़र मिलेगा और आपके पोर्टफोलियो का  बहुत ही सरलता से Diversification हो जाएगा।

 


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कभी-कभी ऐसा लगता है कि Small-Cap Fund में निवेश करना बेहतर होगा

 

अगर आपने पांच साल पहले अपने पैसे का एक तिहाई हिस्सा Large, Mid और Small-Cap में निवेश किया होता तो आपके Small-Cap में निवेश किये गये पैसे  दोगुना हो जाते और Large-Cap  में निवेश किये गये पैसे डेढ़ गुना हो जाते। यदि आप इस अंतर को देखते हैं, तो आपको Small-Cap  में निवेश करने की लालच होगी। लेकिन इस रणनीति के साथ समस्या यह है कि जब 2008 की मंदी आई, तो Small और Mid-Cap Funds 70-80% तक गिर गए थे , जबकि उच्च गुणवत्ता वाले Large-Cap Funds में 40-45% का सुधार देखा गया था। इसलिए तुलना में Large-Cap  में नुकसान कम हुआ था।

 

मेरे मुताबिक अगर अपने अच्छे परफॉर्मेंस वाले फ़ंड मैनेजर की पहचान कर ली है तो आपको Multi-Cap fund में निवेश करना चाहिए।

 

लेकिन अगर आप अलग से Small-Cap और Mid-Cap Fund में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको अपने पोर्टफोलियो को खुद ही Re-Balance करना पड़ेगा और बाजार की extreme volatility को सहन करने के लिए तैयार रहना होगा।

 

इसलिए, मेरे विचार में, एक साधारण निवेशक को diversification के लिए Multi-Cap Fund में निवेश करना सबसे अच्छा विकल्प रहेगा।

 

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Image credits: Image by Nattanan Kanchanaprat from Pixabay

Niketu Dave
I am an MBA and an AMFI (Association of Mutual Funds of India) registered Mutual Fund Distributor. I am passionate about Personal Finance, Investment, Mutual Funds and Share Markets. Facebook LinkedIn

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