अब कई निवेशक मित्र सोच रहे होंगे कि यह SWP (Systematic Withdrawal Plan) क्या है? और इस एसडब्ल्यूपी (सिस्टेमेटिक विदड्रॉल प्लान) को कब शुरू किया जाना चाहिए? और म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में किए गए निवेश को कब विदड्रॉ किया जाना चाहिए? ऐसे कई सवाल निवेशक मित्रों द्वारा पूछे जाते हैं और वे स्वाभाविक हैं।
यदि आप सब निवेशक मित्र Dhanwaan Investor Blog पढ़ रहे हैं तो मेरा मानना है कि आप सभी को SIP (Systematic Investment Plan) के बारे में पता ही होगा। SWP (Systematic Withdrawal Plan) वह SIP (Systematic Investment Plan) से बिल्कुल विपरीत प्लान है।
SIP और SWP के बीच अंतर क्या है?
SIP जिसको हम सिप के नाम से भी जानते है इसमें आप समय-समय पर अपने पैसे को म्यूचुअल फंड स्कीम (Mutual Fund Scheme) में निवेश करते हैं। और लंबे समय में ये निवेश एक बड़े फंड के रूप में जमा होता हैं। लेकिन जब हम एसडबल्यूपी (सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान) के बारे में बात करते हैं, तो इससे रिवर्स प्रोसेस होता है।
जीवन के ऐसे चरण में जब हमें पैसों की जरूरत होती है तब हम म्यूचुअल फ़ंड स्कीम (Mutual Fund Scheme) में एसडबल्यूपी (सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान) शुरू करते हैं। और हम अपने म्यूचुअल फंड निवेश को अपनी जरूरत के अनुसार विदड्रॉ कर सकते हैं।
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आइए अब कुछ ऐसी स्थितियों पर चर्चा करते हैं जिसमें हमें SWP (Systematic Withdrawal Plan) शुरू करना चाहिए। सबसे पहले, अगर आपको अपने सभी निवेशों को म्यूचुअल फंड स्कीम (Mutual Fund Scheme) से विदड्रॉ करना है, तो आपको पैसे की जरूरत से 4-6 महीने पहले एसडब्ल्यूपी (सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान) शुरू कर देना चाहिए। यदि आप अपने पैसे की जरूरत से 4-6 महीने पहले एसडब्ल्यूपी शुरू करते हैं, तो आप अपने निवेश को बाजार की अस्थिरता से काफी हद तक बचा पाएंगे।
नियमित इंकम की जरूरत पूरी करने के लिए SWP के जरिए क्या कर सकते हैं?
यदि आपको हर महीने नियमित इंकम की आवश्यकता है तो आप अपने निवेश के कुछ हिस्से को वापस लेने के लिए एसडब्ल्यूपी (सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान) शुरू कर सकते हैं। लेकिन यह देखा गया है कि निवेशक मित्र अपनी नियमित इंकम की जरूरतों को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड के डिविडेंड प्लान (Mutual Fund-Dividend Plan) को चुनते हैं। लेकिन म्यूचुअल फ़ंड के डिविडेंड प्लान पर DDT (Dividend Distribution Tax) लगता है।
आपके निवेश पर डीडीटी (डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टेक्स) लगने से आपको आर्थिक नुकसान भी पहुंचता है। और यह डिविडेंड का डिस्ट्रिब्यूशन उस म्यूचुअल फ़ंड के मैनेजमेंट की इच्छा के अधीन होता है। म्यूचुअल फ़ंड का मैनेजमेंट यह तय करता है कि डिविडेंड देना है या नहीं और अगर वह देने का फैसला करता है, तो कितना डिविडेंड देना है वह निवेशकों के लिए डिक्लेयर करते है। और अक्सर देखा गया है की यह डिविडेंड आपकी आवश्यकताओं पूरा नहीं कर सकता है।
म्यूचूअल फंड स्कीम के डिविडेंड प्लान और सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान में बेहतर विकल्प क्या है?
म्यूचुअल फ़ंड के डिविडेंड प्लान (Mutual Fund-Dividend Plan) की तुलना में म्यूचुअल फ़ंड स्कीम में किया हुआ SWP (Systematic Withdrawal Plan) ज्यादा टेक्स इफिशन्ट है। और हर निवेशक बहुत आसानी से SWP (सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान) शुरू कर सकता है।
एसडब्ल्यूपी (सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान) का बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी जरूरत के अनुसार पैसा निकाल सकते हैं। और अगर आपका म्यूचुअल फंड प्लान (Mutual Fund Plan) अपेक्षित रिटर्न नहीं देता है, तो आपको उस फंड से दूसरे फंड में अपने निवेश को ले जाना चाहिए।
एसडब्ल्यूपी वरिष्ठ नागरिकों के लिए कैसे फायदेमंद है?
इस प्रकार SWP से आप थोड़े समय के अंतराल पर म्यूचुअल फंड से पैसा निकाल सकते हैं। एसडब्ल्यूपी वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बहुत ही सुविधाजनक प्रणाली है। क्योंकि उनकी नियमित आय की आवश्यकता एसडब्ल्यूपी सिस्टम से पूरी होती है। इसके अलावा, यह निवेशकों को बाजार में अस्थिरता के खिलाफ कुछ मर्यादा तक सुरक्षा भी प्रदान करता है।
आप जानते है कि एसडब्ल्यूपी एसआईपी के विपरीत प्रक्रिया है।और एसडब्ल्यूपी के माध्यम से आप म्यूचुअल फंड से अपने पैसे को व्यवस्थित रूप से निकाल सकते हैं। और आपको जानकर खुशी होगी के आपके फ़ंड से एसडब्ल्यूपी सेट-अप करने की प्रक्रिया काफी सरल है। आप एसडब्ल्यूपी के जरिए अपने म्यूचुअल फंड फंड से तय रकम को नियमित रूप से अपने बैंक के सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।
एसडब्ल्यूपी आपको बाजार में अस्थिरता से होनेवाले नुकसान से कुछ मर्यादा तक बचाता है। लेकिन साथ ही, यह आपके अधिक रिटर्न प्राप्त करने की संभावना को कम करता है। इस तरह एसडब्ल्यूपी आपके रिटर्न को कम भी कर सकता है। लेकिन इसका उद्देश्य आपके संचित धन की रक्षा करना भी है।
क्या SWP पर टैक्स लगता हैं?
अब SWP पर टैक्स के प्रभावों के बारे में जानते हैं।
जब आप एसडब्ल्यूपी के जरिए म्यूचुअल फंड से पैसे निकालते हैं तो रिडेम्पशन पर कोई टीडीएस (Tax Deducted at Source) नहीं होता है। लेकिन कुल निकासी राशि पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है। आप अपनी आवश्यकता के अनुसार एसडब्ल्यूपी की आवृत्ति को मासिक या त्रैमासिक रख सकते हैं। इसके अलावा अगर आप अपनी निवेशित राशि पर मिलने वाले रिटर्न को ही केवल वापस लेना चाहते हैं तो यह एसडब्ल्यूपी के जरिए संभव है। और इस तरह से SWP सेट-अप करने से आपकी मूल राशि निवेशित रहेगी।
एसडब्ल्यूपी (Systematic Withdrawal Plan) द्वारा किए गए रिडेम्पशन पर कर भी लगाया जाता है। और अगर आपने डेट फंड में निवेश किया है और निवेश की तारीख से 36 महीने पहले रकम वापस लेते है तो इसे आपकी इनकम माना जाता है। और आपको अपने आयकर स्लैब के अनुसार कर का भुगतान करना होगा। और अगर आपके डेट फंड में निवेश को 36 महीने से ज्यादा का समय हो गया है तो आपकी निकासी इंडेक्सेशन के साथ 20% कैपिटल गेन टैक्स के दायरे में आएगी। और अगर किसी इक्विटी फंड में आपका निवेश 1 साल से कम रहा है तो निकासी राशि पर 15% टैक्स लगेगा। और अगर निवेश को 1 साल से ज्यादा हो गया है तो आपकी निकासी पर बिना इंडेक्सेशन के 10% टैक्स लगेगा।
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