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म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) का सही चुनाव कैसे करें?

 

आप सभी निवेशक मित्र जानते हैं कि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) ही निवेश प्रक्रिया को आसान बनाने का एकमात्र तरीका है। लेकिन जब बात म्यूचुअल फंड चुनने की आती है तो यह सवाल हर किसी को सताता है। क्योंकि जब निवेश की बात आती है तो बाजार में कई तरह के विकल्प उपलब्ध हैं। और विभिन्न AMCs (Asset Management Company) द्वारा  निवेश के लिए अनेक स्कीम भी मुहैया कराई गई है। इसलिए हर किसी के लिए म्यूचुअल फंड चुनना कोई आसान काम नहीं है। मुझे उम्मीद है कि आप यहां दी गई विधि के माध्यम से सही म्यूचूअल फंड का चयन कर सकेंगे।  

 

म्यूचूअल फंड में निवेश के मानदंड क्या है?

 

तो चलिए आपके द्वारा चुना गया म्यूचूअल फंड एक अच्छा निवेश साबित हो इसलिए विभिन्न मानदंडों का मूल्यांकन करें।

 

जोखिम (Risk) 

 

आप जानते है कि हर निवेश में कुछ न कुछ जोखिम रहता है। हममें से ज्यादातर निवेशक मानते हैं कि फंड जितना ज्यादा जोखिम भरा होगा , उतना ही ज्यादा उसका रिटर्न मिलेगा। लेकिन यह बिल्कुल सच नहीं है। क्योंकि सभी फंड का मैनेजमेंट अच्छा हों ऐसा जरूरी नहीं हैं। ऐसे में आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि म्यूचुअल फंड द्वारा लिए गए रिस्क की तुलना में आपको रिटर्न मिलता है या नहीं। इस रिस्क को जानने के लिए आपको रिसर्च कंपनी (Research Company) की रेटिंग का भी इस्तेमाल करना चाहिए।

 

पोर्टफोलियो का मूल्यांकन करते समय क्या ध्यान में रखना चाहिए?

 

पोर्ट्फोलीयो

 

पोर्टफोलियो (Portfolio) कैसे बनाएं और कैसे उसे मैनेज करें वह हर फंड का इंटरनल मैटर होता है। अच्छे या बुरे पोर्टफोलियो के आधार पर आपको म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन दिखता हैं। किसी पोर्टफोलियो का मूल्यांकन करते समय, आपको यह ध्यान रखना होगा कि फंड लार्ज-कैप (Large-Cap) , मिड-कैप (Mid-Cap) या स्मॉल-कैप (Small-Cap) कंपनियों में से किस प्रकार की कंपनी में  निवेश कर रहा है। आपके लिए यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि आपका इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) उच्च-मूल्य वाली  लेकिन तेजी से बढ़ती कंपनियों या फिर कम-मूल्य वाली और धीमी गति से चलने वाले शेयरों में निवेश करते हैं या नहीं।

 

डेटफंड में निवेश करते समय क्या ध्यान में रखना चाहिए?

 

 डेट फंड (Debt Fund)  में निवेश करते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि क्या वह  ज्यादा रिटर्न देने वाली लंबी अवधि की सेक्यूरिटीस (Securities) में  या फिर कम रिटर्न देने वाली अल्पकालिक सेक्यूरिटीस में निवेश करता है। प्रत्येक निवेशक मित्र को पता होना चाहिए कि आपका फंड कम रिटर्न देती सुरक्षित सेक्यूरिटीस  में निवेश करता है या फिर ज्यादा रिटर्न देती जोखिमभरी सेक्यूरिटीस में निवेश करता है।

 


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म्यूचूअल फंड स्कीम के प्रदर्शन की तुलना कैसे करें?

 

प्रदर्शन (परफॉरमेंस) 

 

म्यूचुअल फंड स्कीम का प्रदर्शन (Performance) और स्टॉक आवंटन (Stock Allocation) की तुलना इसके बेंचमार्क इंडेक्स (Benchmark Index) के साथ किया जाना चाहिए। क्योंकि बेंचमार्क इंडेक्स म्यूचुअल फंड स्कीम कि इनवेस्टमेंट फिलोसोफी (Investment Philosophy) का मार्गदर्शन करता है। उदाहरण के लिए, लार्ज-कैप फंड् की तुलना लार्ज-कैप फंड् से की जानी चाहिए, न कि मिड-कैप फंड् के साथ। विभिन्न प्रकार की म्यूचुअल फंड योजनाओं (Mutual Fund Scheme)  की तुलना करने के लिए आपको इस प्रदर्शन मानदंड (Performance Parameter) का उपयोग करना चाहिए।

 

आप विभिन्न प्रकार की म्यूचुअल फंड योजनाओं की तुलना करते हैं, तो यह एक अर्थहीन प्रक्रिया बनकर रह जाएगी। सही जानकारी पाने के लिए आपको उसी कैटेगरी के फंड की तुलना करनी चाहिए। अगर आप इस तरह से म्यूचुअल फंड स्कीम की तुलना करते हैं, तो आप खुद जान पाएंगे कि आपको किस कैटेगरी में और किस स्कीम में निवेश करना चाहिए। एक अच्छी म्यूचुअल फंड स्कीम वह है जो अपने निवेशक को लगातार अच्छा रिटर्न प्रदान कर सकती है।

    

एक अच्छे फंड मैनेजर की क्या क्षमता है?

 

प्रबंधन (Management)

 

म्यूचुअल फंड का मैनेजमेंट म्यूचुअल फंड मैनेजर (Mutual Fund Manager) के व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। इक्विटी में निवेश करना एक विज्ञान से ज्यादा एक कला है। जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आप वास्तव में उस फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड (Mutual Fund Manager Track Record) खरीदते हैं। लेकिन इंडेक्स फंड (Index Fund) म्यूचुअल फंड मैनेजर का प्रदर्शन कुछ खास मायने नहीं रखता। म्यूचुअल फंड के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए, जब आप इसमें निवेश करने का निर्णय लेते हैं, तो आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि इस अच्छे प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार म्यूचुअल फंड मैनेजर अभी भी उस फंड का प्रबंधन करता है या नहीं।

 

एक अच्छे फंड मैनेजर में खराब प्रदर्शन करने वाले म्यूचुअल फंड को बुरे के बजाय एक अच्छे प्रदर्शन में बदलने की क्षमता होती है। म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन में फंड मैनेजर की अहम भूमिका (Key Role) होती है। यह फंड मैनेजर पर निर्भर है कि वह आपके निवेश किए गए पैसे को किस स्टॉक्स में निवेश करता है। यदि म्यूचुअल फंड मैनेजर कुशल है, तो भविष्य में फंड के अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है।

म्यूचुअल फंड का मूल्यांकन कैसे करें?

 

लागत (Cost) 

 

म्यूचुअल फंड का मूल्यांकन करने के लिए प्रदर्शन (Performance) ,  जोखिम (Risk) , पोर्टफोलियो (Portfolio) और प्रबंधन (Management) सबसे महत्वपूर्ण बिंदु हैं। लेकिन मौजूदा समयमें म्यूचुअल फंड की लागत (Cost) सबसे महत्वपूर्ण कारक (Factor)  बन गई है। क्योंकि हर फंड को चलाने की लागत लगती  है और सभी फंडों की लागत समान नहीं होती है। प्रत्येक म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio) अलग होता है। हालांकि विभिन्न फंडों की लागत में बहुत अंतर नहीं है, लेकिन जब आप अपने निवेश पर कंपाउंडिंग के प्रभाव को देखते हैं तब आपको आपके रिटर्न में बड़ा अंतर दिखता हैं। इसलिए हर निवेशक मित्र को मेरी सलाह यह है कि उसे अधिक लागत वाला म्यूचुअल फंड नहीं खरीदना चाहिए। अधिकांश AMC (Asset Management Company) अधिक लाभ कमाने या मार्केटिंग पर खर्च करने के लिए दूसरों की तुलना में अधिक शुल्क लेती हैं।

 

अगर एएमसी (ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी) ज्यादा लागत ले रही है तो उसे निवेशकों को ज्यादा रिटर्न भी देना चाहिए। इस प्रकार, अपने निवेश पोर्टफोलियो (Investment Portfolio) की सफलता के लिए सही म्यूचुअल फंड चुनना बहुत महत्वपूर्ण है। और इतने सारे विकल्प होने के नाते,  भ्रमित होना भी स्वाभाविक है। इसलिए, म्यूचुअल फंड में निवेश करने का अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी प्रासंगिक कारकों (Relevant Factors) को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

 

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Niketu Dave
I am an MBA and an AMFI (Association of Mutual Funds of India) registered Mutual Fund Distributor. I am passionate about Personal Finance, Investment, Mutual Funds and Share Markets. Facebook LinkedIn

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