प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक (Senior Citizen ) को सेवानिवृत्ति के जीवन (Retirement Life) में एक सुरक्षित और निश्चित आय की आवश्यकता होती है। ऐसे वरिष्ठ नागरिकों के लिए भारत सरकार का एससीएसएस (वरिष्ठ नागरिक बचत योजना) बहुत फायदेमंद है। क्योंकि इस योजना में वरिष्ठ नागरिकों को भारत सरकार से नियमित और निश्चित रिटर्न की गारंटी दी जाती है।
SCSS (Senior Citizens Savings Scheme) की शुरुआत 2004 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस जमा योजना में वरिष्ठ नागरिकों को त्रैमासिक ब्याज (Quarterly Interest) का भुगतान किया जाता है। ताकि वरिष्ठ नागरिक जीवन निर्वाह के लिए सेवानिवृत्ति में नियमित आय प्राप्त कर सकें।
SCSS भी फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह एक डेट (Debt) स्कीम है। इस योजना के तहत रखे गए आपके पैसे की पूरी सुरक्षा के लिए भारत सरकार जिम्मेदार है। इस प्रकार, यह योजना सबसे सुरक्षित वित्तीय साधनों में से एक है। लेकिन इस योजना का एक नुकसान यह है कि वह जमाकर्ता को मुद्रास्फीति (Inflation) से नहीं बचाता है। यदि मुद्रास्फीति की दर इस योजना की ब्याज दर से अधिक है तो आप को इस योजना में नुकसान होता है। लेकिन अगर महंगाई दर स्कीम के रिटर्न से कम है तो आपको पॉजिटिव रिटर्न मिलेगा।
भारत सरकार ने 1% के प्रसार के साथ समान परिपक्वता की G-Sec (सरकारी प्रतिभूतियों) के साथ SCSS की ब्याज दरों को बराबर कर दिया है। और इन ब्याज दरों की सरकार द्वारा तिमाही समीक्षा की जाती है। लेकिन एक बार जब आप SCSS (Senior Citizens Savings Scheme) में निवेश कर लेते हैं, तो आपके लिए ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं होगा। वर्तमान में SCSS की ब्याज दर 7.4 % है और इसके ब्याज का भुगतान त्रैमासिक किया जाता है। यदि अपरिहार्य परिस्थितियों में वरिष्ठ नागरिक को 5 वर्ष की अवधि से पहले योजना से अपना पैसा निकालने की आवश्यकता महसूस होती है तो योजना से बाहर निकलने के लिए एग्जिट ऑप्शनस भी उपलब्ध है। लेकिन यदि आप योजना की अवधि से पहले खाता बंद करते हैं, तो आपको कुछ पेनल्टी देनी होगी।
SCSS (Senior Citizens Savings Scheme) का लॉक-इन पीरियड पांच साल है। इसके बावजूद यह योजना आर्थिक रूप से तरल है। यदि जरूरत हो, तो कुछ शर्तों के अधीन दंड का भुगतान करके पैसे वापस लिए जा सकते है।
टैक्स का प्रभाव
SCSS (Senior Citizens Savings Scheme) में निवेश किया गया पैसा आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर कटौती के लिए मान्य है। लेकिन इस योजना में अर्जित ब्याज पर कर लगाया जाता है। यदि इस योजना में निवेश किए गए पैसे पर 50,000 रुपये से अधिक ब्याज की आय होती है, तो इसे TDS (Tax Deducted at Source) के द्वारा काट लिया जाएगा। अगर आपकी कुल आय टैक्सेबल नहीं है तो आप बैंक या पोस्ट ऑफिस को 15 जी या 15 एच फॉर्म देकर TDS न करने का निर्देश दे सकते हैं।
SCSS खाता खोलने की प्रक्रिया
अब प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को यह प्रश्न होना स्वाभाविक है कि SCSS (Senior Citizens Savings Scheme) खाता कहाँ खोला जा सकता है? Where to open an SCSS (Senior Citizens Savings Scheme) account ? इसका उत्तर यह है कि आप अपने शहर के डाकघर की मुख्य शाखा (Post Office Main Branch) में इस खाते को आसानी से खोल सकते हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीयकृत बैंकों (Nationalised Banks) और कुछ निजी बैंकों (Private Banks) की शाखाओं में भी एससीएसएस (वरिष्ठ नागरिक बचत योजना) का खाता खोला जा सकता है।
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SCSS खाते को कैसे खोला जा सकता है? How to open an SCSS (Senior Citizens Savings Scheme) Account?
इस बचत खाते को खोलने के बाद, आपको SCSS खाता खोलने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
- सबसे पहले आपको SCSS खाता खोलने के फॉर्म की आवश्यकता है। आप इसे बैंक या डाकघर की शाखा से प्राप्त कर सकते हैं। आप इस फॉर्म को भारत पोस्ट की वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं।
- इसके लिए दो पासपोर्ट साइज फोटो ग्राफ की भी जरूरत होगी।
- आपको आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस, चुनाव कार्ड या राशन कार्ड जैसे पते और पहचान प्रमाण (Address & Identity Proof की भी आवश्यकता होगी।
उपरोक्त दस्तावेजों की सेल्फ अटेस्टेड ज़ेरॉक्स कॉपी SCSS फॉर्म के साथ जमा करनी होगी। और खाता खोलते समय, आपको सत्यापन के लिए अपने मूल दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे।
Senior Citizens Savings Scheme के कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे
- जिस तरह मोबाइल कंपनी में फोन नंबर पोर्टेबिलिटी है, उसी तरह अब एससीएस अकाउंट को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर किया जा सकता है।
- SCSS द्वारा भुगतान किया गया ब्याज ECS पद्धति के माध्यम से आपके बचत बैंक खाते में त्रैमासिक रूप से जमा किया जाएगा।
- जैसे बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट , गोल्ड और म्यूचूअल फंड को बैंक मैं गिरवी रखकर लोन लिया जा सकता है वैसे SCSS में आप नहीं कर सकते। इसका मतलब है कि आपको SCSS में किए गए निवेश के खिलाफ ऋण नहीं मिल सकता है।
- यदि आप एससीएसएस खाता बंद करना चाहते हैं, तो आपको खाता खोलने की तारीख से 1 वर्ष तक इंतजार करना होगा। आप अपनी जमा राशि पर 1 से 1.5 प्रतिशत का जुर्माना देने के बाद, समय से पहले विथ्ड्रॉअल या खाता बंद कर सकेंगे।
- यदि आप 1 वर्ष के बाद और दो साल पूरा होने से पहले खाते को बंद करते हैं, तो आपकी जमा राशि का 1.5 प्रतिशत काट लिया जाएगा।
- और अगर दो साल के बाद खाता बंद किया जाता है तो जुर्माने के तौर पर सिर्फ 1% की कटौती की जाएगी।
SCSS की मुख्य विशेषताएं क्या है?
इसके अलावा, SCSS में निवेश करने से पहले, एक वरिष्ठ नागरिक के तौर पर इसकी मुख्य विशेषताओं और कानूनी प्रावधानों की जानकारी होना जरूरी है।
- सबसे पहले, यदि आप निवासी भारतीय (Resident Indian) नहीं हैं, तो आप SCSS ( Senior Citizens Savings Scheme ) में निवेश नहीं कर सकते हैं। NRI (Non Resident Indians) को भी इस योजना में निवेश करने की अनुमति नहीं है। केवल निवासी भारतीय ही SCSS में खाता खुलवा सकते हैं।
- इसके अलावा आपकी उम्र 60 साल होनी चाहिए। और अगर आपने सरकार द्वारा अनुमोदित सेवानिवृत्ति या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है, तो आप 55 वर्ष की आयु में भी इस योजना में निवेश कर सकते हैं।
- कुछ शर्तों के अधीन डिफेन्स फोर्सेस के कर्मचारी आयु सीमा के प्रावधानों को पूरा किए बिना भी इस योजना में निवेश कर सकते हैं।
- SCSS में न्यूनतम निवेश सीमा 1 हजार रुपये और अधिकतम निवेश सीमा 15 लाख रुपये है।
- यह योजना वर्तमान में 7.4 प्रतिशत की वार्षिक दर से चक्रवृद्धि ब्याज प्रदान करती है। यह ब्याज आपके बचत खाते में त्रैमासिक भुगतान किया जाता है।
- इस योजना की अवधि 5 साल है। लेकिन आप इसे और तीन वर्षों के लिए बढ़ा सकते हैं ।
- SCSS में आप व्यक्तिगत , जीवनसाथी के साथ संयुक्त रूप से और मल्टीपल अकाउंट ऐसे तीन कैटेगरी में खाता खोल सकते हैं। इसके अलावा, इस योजना में नामांकन की सुविधा (Nomination Facility) भी उपलब्ध है।
इस प्रकार SCSS (Senior Citizens Savings Scheme) वरिष्ठ नागरिकों के लिए आय का सबसे सुरक्षित और नियमित स्रोत है।
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