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Personal Finance

क्या आज के दौर में भी PPF (Public Provident Fund) उतना ही फायदेमंद है?

 

भारत में शायद ही कोई ऐसा निवेशक होगा जो पीपीएफ (Public Provident Fund) के बारे में नहीं जानता हो। लेकिन आज भी यह जानना बहुत जरूरी है कि क्या आजभी पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फ़ंड) उतना ही प्रासंगिक और फायदेमंद है या नहीं?  पीपीएफ एक पारंपरिक वित्तीय उत्पाद (Financial Product) है और इसका लंबा इतिहास रहा है। पीपीएफ को लेकर नए निवेशकों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। तो इन सवालों के जवाब जानने के लिए, आइए जानते हैं इस स्कीम की मुख्य विशेषताएं। और यह अकाउंट खोलने के फायदे और नुकसान के बारे में भी जानने की कोशिश करते हैं। 

 

PPF के प्रति भारतीय निवेशकों के आकर्षण का मुख्य कारण इस योजना को मिलने वाला टैक्स बेनिफ़िट है। PPF का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें किया गया निवेश और 15 साल की लॉक-इन अवधि के बाद की गई निकासी पूरी तरह से कर मुक्त है।

 

PPF (Public Provident Fund) भारत की केंद्र सरकार द्वारा स्थापित योजनाओं में से दीर्घकालिक बचत की सबसे लोकप्रिय वित्तीय योजना है। इस योजना को भारत सरकार ने जुलाई 1968 में शुरू किया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के स्वरोजगार और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को बुढ़ापे में आय सुरक्षा प्रदान करना है। पब्लिक प्रोविडेंट फ़ंड पर उपलब्ध गारंटीड रिटर्न और टैक्स बेनिफिट्स के कारण यह भारतीयों में दिन प्रति दिन लोकप्रियता हासिल कर रहा है। इस प्रकार पीपीएफ में निवेश करने का एक कारण टैक्स बचाना भी है। इसके अतिरिक्त, इस योजना में किए गए निवेश पर निश्चित रिटर्न और योजना की परिपक्वता पर प्राप्त राशि पूरी तरह से कर मुक्त है।

 

इस तरह इस योजना में लगाया गया पैसा सभी योजनाओं में से सबसे सुरक्षित माना जाता है क्योंकि भारत सरकार इसकी सुरक्षा की गारंटी देती है।

 

क्या पीपीएफ (Public Provident Fund) में पूंजी सुरक्षित है?

 

पीपीएफ में निवेश किए गए पैसे की सुरक्षा के लिए आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। इस योजना में लगाया गया आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत की केंद्र सरकार योजना में निवेश किए गए धन की सुरक्षा की पूरी गारंटी देती है। इस तरह इस योजना में पैसे का कोई जोखिम नहीं है और यह आपको निश्चित ब्याज का भुगतान करती है।

 

क्या पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फ़ंड) मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है?

 

प्रत्येक जागरूक निवेशक को ऐसे वित्तीय साधनों में निवेश करना चाहिए जो उसे मुद्रास्फीति की तुलना में अधिक रिटर्न दे सकता है। अब सवाल यह है कि क्या आपको पीपीएफ में महंगाई से ज्यादा रिटर्न मिलेगा? आपके लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि PPF अकाउंट मुद्रास्फीति से सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। दरअसल जब भी मुद्रास्फीति की दर इस योजना पर मिलने वाले ब्याज की दर से अधिक होती है, तो आपको मुद्रास्फीति की दर से अधिक रिटर्न नहीं मिलता है। लेकिन अगर महंगाई दर पब्लिक प्रोविडेंट फ़ंड की ब्याज दर से कम होती है तो आपको महंगाई से ज्यादा रिटर्न मिलता है।

 

क्या PPF पर ब्याज की गारंटी मिलती है?

 

इस योजना में ब्याज की गारंटी होती है क्योंकि इस में भारत सरकार द्वारा गारंटी दी जाती है। इस योजना की ब्याज दरें 0.25 प्रतिशत के स्प्रेड के साथ समान परिपक्वता की G-Sec (सरकारी प्रतिभूतियों) की दरों के अनुरूप रखें जाते हैं। Public Provident Fund की ब्याज दरों की समीक्षा हर तिमाही में की जाती है। वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत प्रति वर्ष तय की गई है। 

 

 


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क्या पब्लिक प्रोविडेंट फ़ंड में से पैसा निकालना आसान है?

 

इस योजना की लॉक-इन अवधि 15 वर्ष है। इसलिए हर जमाकर्ता को उसके पैसे की तरलता (Liquidity) के बारे में फिक्र होती है। लेकिन PPF योजना की लॉक-इन अवधि 15 वर्ष होने के बावजूद, यह योजना कुछ हद तक तरल है। पीपीएफ में निवेश किए गए अपने पैसे पर आप तीसरे साल से लोन ले सकते हैं। इसके अलावा, आप कुछ शर्तों के अधीन सात साल बाद इस योजना से अपना पैसा निकाल भी सकते हैं।

 

पीपीएफ में निवेश किए गए पैसे पर टैक्स का क्या असर होता है?

 

इस योजना के भारतीयों के बीच लोकप्रिय होने का मुख्य कारण इस पर मिलने वाला टैक्स बेनिफ़िट है। यह स्कीम पर आयकर की ‘EEE’ (Exempt-Exempt-Exempt) कैटेगरी का लाभ मिलता है। इसका मतलब है कि इस योजना में निवेश किया गया पैसा, उस पर अर्जित ब्याज और मैच्योरिटी राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री है। यानी आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। आप एक वित्तीय वर्ष में पीपीएफ खाते में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं। और आपको यह जानकर खुशी होगी कि यह राशि इंकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80 C के तहत कर कटौती के लिए पात्र है।  

 

PPF (Public Provident Fund) खाता कहाँ खोलें?

 

आप आरबीआई ( Reserve Bank Of India) द्वारा अधिकृत विभिन्न वित्तीय संस्थानों में यह खाता खोल सकते हैं। आप अपने शहर के मुख्य डाकघर ( Head Post Office) या सामान्य डाकघर (General Post Office) में भी यह खाता खोल सकते हैं। इसके अलावा आप इस खाते को एक राष्ट्रीयकृत बैंक (Nationalized Bank) की अधिकृत शाखा में भी खोल सकते हैं। और आप निजी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Bank) की अधिकृत शाखा में भी यह खाता खोल सकते हैं।

 

पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फ़ंड) अकाउंट कैसे खोलें?

 

तो आइए जानते हैं कि PPF खाता खोलने के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।

सबसे पहले आपको पीपीएफ अकाउंट ओपनिंग फॉर्म की आवश्यकता होगी। इसके साथ दो पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत होगी।  

इसके अलावा निवास और पहचान का प्रमाण जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस, चुनाव कार्ड और राशन कार्ड भी आवश्यक हो सकते हैं। आपको फॉर्म में नॉमिनेशन भी करना होगा। और जब आप खाता खोलने के लिए जाते हैं, तो ज़ेरॉक्स कॉपी के साथ सत्यापन के लिए मूल दस्तावेज भी साथ में ले जाएँ।

 

क्या पीपीएफ अकाउंट को समय से पहले (Premature) बंद किया जा सकता है?

 

अब पीपीएफ अकाउंट को आपको मिलने वाले ब्याज पर 1% का जुर्माना देकर कुछ शर्तों के तहत बंद किया जा सकता है। इसके लिए अपना खाता खोलने की तारीख से 5 वित्तीय वर्ष पूरे करने होंगे। और अन्य स्थितियों में जैसे गंभीर बीमारी के इलाज के लिए यह पैसा खुद के लिए, अपनी पत्नी, आश्रित बच्चों और आश्रित माता-पिता के लिए ले सकते हैं। आप अपने बच्चों की हायर स्टडीज के लिए मैच्योरिटी से पहले भी इस पैसे को निकाल सकते हैं।

 

पीपीएफ स्कीम (PPF Scheme) की मुख्य विशेषताएं क्या है?

 

यदि आप प्रत्येक वित्तीय वर्ष के पहले दिन पीपीएफ खाते में पूरे 1.50 लाख रुपये जमा करते हैं, तो आपको पूरे साल का ब्याज मिलेगा। और लंबे समय में, आप चक्रवृद्धि ब्याज की मदद से बड़ी बचत करने में सक्षम होंगे।  

सबसे पहले आपको इस योजना में खाता खोलने के लिए भारत का निवासी होना चाहिए। आप इस अकाउंट को कम से कम 500 रुपये में खोल सकते हैं। और एक वित्तीय वर्ष में आप अधिकतम डेढ़ लाख रुपये जमा कर सकते हैं। वर्तमान में, वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत निर्धारित की गई है। जिसकी समीक्षा प्रत्येक तिमाही में की जाती है। पीपीएफ अकाउंट (PPF Account) की अवधि 15 साल है जिसे आप पांच साल के लिए बढ़ा सकते हैं। 

 

इस प्रकार, पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फ़ंड) सबसे सुरक्षित और सबसे कम जोखिम भरा वित्तीय साधन है। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति की दर कम हो रही है, फिक्स्ड इनकम प्रॉडक्ट्स पर ब्याज दर कम हो रही है। और पीपीएफ (Public Provident Fund) में निवेश से पहले यह याद रखना जरूरी है कि वह पूरी तरह से ऋण उत्पाद (Debt Product) है।  

 

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Niketu Dave
I am an MBA and an AMFI (Association of Mutual Funds of India) registered Mutual Fund Distributor. I am passionate about Personal Finance, Investment, Mutual Funds and Share Markets. Facebook LinkedIn

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