भारतीय अर्थव्यवस्था नोटबंदी और धीमी अर्थव्यवस्था के प्रभाव से बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी। ऐसे समय में वैश्विक महामारी ने हर निवेशक में दहशत और अनिश्चितता की भावना पैदा की है। हर निवेशक सोचता है कि अपने पैसे को कैसे सुरक्षित रखे और उसे कैसे बढ़ाया जाए। How to keep your money safe and grow it? तो आइए जानते हैं कि कैसे हम अपने निवेश को सुरक्षित रख सकते हैं।
दरअसल, हर निवेशक जानता है कि रिस्क और रिटर्न एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। यदि आप अपने निवेश पर रिटर्न पाना चाहते हैं तो आपको जोखिम भी उठाना होगा। आपका निवेश मुद्रास्फीति, करों, सरकारी नीतियों, भू-राजनीतिक स्थिति और आर्थिक चक्र से प्रभावित होता है। जिस दिन आप अपने पैसे का निवेश करेंगे, उसी दिन से आपके पैसा का जोखिम शुरू हो जाएगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको निवेश नहीं करना चाहिए। वास्तव में, यदि आप निवेश नहीं करते हैं, तो यह एक बड़ा जोखिम है। लेकिन अगर आप जोखिम को समझते हैं, तो यह आपकी संपत्ति की रक्षा करने और उच्च रिटर्न प्राप्त करने में आपकी मदद करेगा।
तो आइए जानते हैं धन की रक्षा और वृद्धि के सरल उपाय। Ways to protect and grow wealth.
पैसे निवेश करें
कई लोग अपने वेतन को बैंक के बचत खाते में जमा करते रहते हैं और वे उसे ही निवेश मानते हैं। उन्हें बचत खाते में 3.5 प्रतिशत ब्याज मिलता है और बचत खाते में बढ़ती जमा राशि से खुश होते हैं। लेकिन वे यह नहीं समझते हैं कि मुद्रास्फीति आपकी बचत का अवमूल्यन कर रही है। इसके साथ ही वे समझदारी से निवेश करके अच्छा रिटर्न पाने का अवसर भी खो रहे हैं। वास्तव में, बैंक आप के बचत खाते पर पैसा कमा रहा है। आपको अपने करियर की शुरुआत में जल्दी बचत करने की आदत डालनी होगी। लेकिन आपको यह भी जानना आवश्यक है कि जीवन में सिर्फ बचत करना पर्याप्त नहीं है। अगर आप अपनी दौलत बढ़ाना चाहते हैं तो आपको पैसा निवेश करना होगा।
मुद्रास्फीति की तुलना में अधिक रिटर्न प्राप्त करने की कोशिश करें
यदि आप अपनी दौलत बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको यथासंभव बचत करनी चाहिए। लेकिन मुद्रास्फीति सभी वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में लगातार वृद्धि का कारण बनती है। और कुछ वर्षों के बाद, आज आप जो पैसा बचाते हैं, वह कम मूल्यवान हो जाएगा। जब आप 20 या 35 साल बाद रिटायर होते हैं, तो आपको यह सोचना होगा कि हर चीज की कीमत क्या होगी। और हमें यह भी याद रखना होगा कि 20 साल पहले कीमत क्या थी। ज्यादातर लोग अपना पैसा सुरक्षित बैंक डिपॉजिट में रखना पसंद करते हैं। लेकिन आपको यह याद रखने की जरूरत है कि आप बैंक डिपॉजिट पर 5-6% के ब्याज से दौलत नहीं बना सकते। भारत में नोटबंदी के बाद सभी बैंकों में तरलता (Liquidity) बढ़ने से ब्याज दर में कमी आई है। ऐसी स्थिति में जो व्यक्ति बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट पर जीवन यापन करता है, उसका यह पूछना स्वाभाविक है कि अब क्या किया जाए?
लेकिन आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। पर्सनल फाइनेंस (Personal Finance) की दुनिया में एक अच्छी बात यह है कि जब एक निवेश का मौका बंद हो जाता है तो दूसरा मौका खुल जाता है। मेरी राय में,आपको डेट फंड (Debt Fund) कैटेगरी के ऐसे फंड में निवेश करना चाहिए जो बॉन्ड (Bond) में निवेश करता है या फिर आपको अपने शॉर्ट-टर्म गोल (Short-Term Goal) के लिए डायनेमिक बॉन्ड फंड (Dynamic Bond Fund) में पैसा निवेश करना चाहिए। क्योंकि जैसे-जैसे ब्याज दरें कम होती जाती हैं, आपके रिटर्न में वृद्धि होती है। ब्याज दरों में लगातार गिरावट आ रही है और उम्मीद है कि यह गिरावट जारी रहेगी। बेस्ट डेट म्यूच्यूअल फण्ड ( Best Debt Mutual Fund) का दीर्घकालीन पाँच साल का रिटर्न फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर मिलने वाले ब्याज से तो अधिक रहा है। फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज टैक्सेबल होता है। जब आप तीन साल या उससे अधिक समय के लिए डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) में निवेश करते हैं, तो आप बहुत सारा टैक्स बचा सकते हैं। क्योंकि आप मुद्रास्फीति के खिलाफ इंडेक्सेशन की मदद से अपने पूंजीगत लाभ को समायोजित कर सकते हैं।
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जीवन भर कर्ज मुक्त (Debt Free) रहने का प्रयास करें
अगर आप कर्ज का सही इस्तेमाल करते हैं तो कर्ज खराब नहीं होता। बैंक आपके पास से 3 या 6 फीसदी की दर से पैसा उधार लेता है। इसका मतलब है कि आपको बचत खाते में तीन फीसदी और फिक्स्ड डिपॉजिट में छह फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। और बैंक आपको या कंपनियों को 8 से 12 प्रतिशत की दर से लोन देता है। आपको अच्छे कर्ज और बुरे कर्ज के बीच का अंतर पता होना चाहिए। इस प्रकार शिक्षा ऋण (Education Loan)और गृह ऋण (Home Loan) एक अच्छी बात है। लेकिन अगर आप कोई ऐसी चीज की जिसके बिना आप रह सकते हैं उसे खरीदने के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं या फिर पर्सनल लोन लेते हैं तो यह महंगा लोन साबित हो सकता है। प्रत्येक छात्र का अध्ययन पूरा होने के बाद उन्हें सबसे पहले शिक्षा ऋण (Education Loan) का भुगतान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। और यह आपको अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करने से बचाएगा।
क्या शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए?
नए निवेशकों को उच्च जोखिम वाले शेयरों या कमोडिटी ट्रेडिंग (Commodity Trading) से दूर रहना चाहिए। क्योंकि इससे आपको बहुत नुकसान होने की संभावना है। लेकिन अब फिक्स्ड इनकम रिटर्न (Fixed Income Return) भी जोखिम भरा है। केवल निश्चित आय पर निर्भर रहने वालों के लिए, आगे का समय अधिक कठिन है। क्योंकि हमारी व्यक्तिगत महंगाई कम नहीं हुई है।
जब शेयर बाजार में बड़ी गिरावट होती है, तो आपको अच्छे शेयरों को खरीदना चाहिए और उन्हें तब तक बनाए रखना चाहिए जब तक उनका मूल्य नहीं बढ़ जाता है। यदि आपको इस बारे में जानकारी नहीं है कि कौन से शेयरों को खरीदना है या आपके पास विभिन्न कंपनियों के बारे में अध्ययन करने का समय नहीं है तो आपको लंबी अवधि के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) में निवेश करना चाहिए। आपको उन वित्तीय उत्पादों (Financial Products) में निवेश नहीं करना चाहिए जो आपको समझ में नहीं आते हैं। पिछले दस वर्षों में, भारतीय शेयर बाजार (Stock Market of India) ने औसतन 10 से 11 प्रतिशत की वार्षिक दर पर रिटर्न दिया है। आप इंडेक्स फंड्स (Index Fund) के जरिए भी स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं। और याद रखें कि केवल वे लोग जो उच्च कीमतों पर स्टॉकस खरीदते हैं और शेयर बाजार में कम कीमतों पर बेचते हैं, उन्हें नुकसान होता है। यदि आपकी उम्र 30 या 40 वर्ष के आसपास है, तो आपको थोड़ा जोखिम लेना चाहिए। लेकिन अगर आप कुछ सालों में रिटायर होने वाले हैं तो आपको अनावश्यक जोखिम नहीं उठाना चाहिए। इस तरह से आप अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं। This way you can protect your money.
वित्तीय लक्ष्यों (Financial Goal) के लिए योजना बनाएं
आपको बाल शिक्षा (Child’s Education), बच्चों की शादी और सेवानिवृत्ति (Retirement) जैसे जीवन के बड़े खर्चों की योजना बनानी चाहिए। आपको आपात स्थिति के लिए कुछ पैसे अलग रखने चाहिए। इसके अलावा रिटायरमेंट लाइफ में नियमित मासिक आय पाने के लिए आपको एससीएसएस, एन्युइटी प्लान, पोस्ट ऑफिस सेविंग प्लान, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड जैसे विभिन्न फाइनेंशियल प्रॉडक्ट्स (Financial Products) के जरिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) करनी चाहिए। आपको हमेशा उन उत्पादों में निवेश करना चाहिए जो आपको मुद्रास्फीति की तुलना में अधिक रिटर्न देते हैं। और आपके पास चिकित्सा आपात स्थिति (Medical Emergency) के लिए एक स्वास्थ्य देखभाल योजना (Health Care Plan) भी होनी चाहिए। आप अल्पकालिक लक्ष्य (Short-Term Goal) के लिए आवर्ती जमा (Recurring Deposit) द्वारा भी बचत कर सकते हैं। बच्चे के उज्ज्वल भविष्य के लिए आप पीपीएफ (Public Provident Fund) या बेटी के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) जैसे कम जोखिम वाले उत्पादों में भी निवेश कर सकते हैं। पीपीएफ की लॉक-इन अवधि 15 साल है जबकि सुकन्या समृद्धि योजना में 21 साल की लॉक-इन अवधि है। निवेश करने से पहले आपको इस बात का ध्यान रखना जरूरी है। जिस तरह आप अपने वित्तीय लक्ष्यों के लिए म्यूचुअल फंड में सिप (SIP) कर सकते हैं, उसी तरह आपको सही समय पर अपना पैसा निकालने की योजना (Systematic Withdrawal Plan) भी बनानी चाहिए।
याद रखें बीमा एक निवेश नहीं है (Insurance is not Investment)
ज्यादातर लोग इंश्योरेंस को ही इन्वेस्टमेंट मानते हैं। लेकिन यह सच नहीं है, यह एक गलत धारणा है। हर किसी को अपनी आवश्यकता के अनुसार स्वास्थ्य, दुर्घटना, जीवन या संपत्ति बीमा लेना चाहिए। अगर आपके के परिवार का कोई भी सदस्य आप पर निर्भर नहीं हैं तो आपको जीवन बीमा नहीं लेना चाहिए। और अगर परिवार का कोई सदस्य आप पर निर्भर है तो आपको लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) की जगह टर्म इंश्योरेंस प्लान (Term Insurance Plan) लेना चाहिए। क्योंकि टर्म इंश्योरेंस प्लान का प्रीमियम जीवन बीमा से कम होता है। और अगर आप परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य हैं और आप पर लोन है, तो आपके लिए टर्म इंश्योरेंस प्लान लेना अनिवार्य है। और यदि कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना होती है, तो नामांकित व्यक्ति को बीमा राशि (Sum Assured) दी जाएगी। जो आपकी अनुपस्थिति में आपके परिवार के सदस्यों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।
पोर्टफोलियो का विविधीकरण (Diversification Of Portfolio) आवश्यक है
एक जागरूक निवेशक को विभिन्न परिसंपत्तियों (Assets) में निवेश करना चाहिए। उसे अपने पैसे को म्यूचुअल फंड, इक्विटी, बॉन्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट और रियल एस्टेट जैसी अलग-अलग परिसंपत्तियों में निवेश करना चाहिए। ऐसा करने से जोखिम विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में विभाजित हो जाएगा। और सभी संपत्ति के मूल्य में एक साथ कमी नहीं होती है। अगर आप इक्विटी में निवेश कर रहे हैं तो आपको छह से आठ अलग-अलग सेक्टर्स के स्टॉक्स का पोर्टफोलियो बनाना चाहिए। आपको एक ही तरह के म्यूचुअल फंड में निवेश नहीं करना चाहिए। इस प्रकार किसी एक परिसंपत्ति वर्ग या क्षेत्र में बहुत अधिक निवेश करना उचित नहीं है।
प्रत्येक निवेशक को अपने जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर पोर्टफोलियो का पुनर्संतुलन (Portfolio Rebalancing) करना चाहिए। यदि आपको आयकर का भुगतान करना है, तो आपको पहले ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम) में निवेश करना चाहिए। और उसके बाद ही आपको विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों (Asset Classes) में निवेश के बारे में सोचना चाहिए। अगर आप स्टॉक्स में सीधा निवेश करना चाहते हैं तो उस कंपनी के बारे में रिसर्च करना बेहद जरूरी है। और यदि आप एक नए निवेशक हैं, तो आपको हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund) से शुरुआत करनी चाहिए। इसके अलावा आपको इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) का नियोजन करने की भी जरूरत है।आपको इस पैसे को आसानी से निकाल सके ऐसे वित्तीय साधनों में रखना चाहिए।
बुद्धिमानी से पैसे खर्च करें
बहुत अधिक खर्च करना एक बुरी आदत है। यदि आप क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग करते हैं और ऐसी चीजें खरीदते हैं जिनके बिना आप चला सकते हैं, तो आपको भारी वित्तीय नुकसान होने की संभावना है। यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर नहीं करते हैं, तो आपको प्रतिमाह 3% या 40% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज देना होगा।
इस प्रकार यदि आप नियमित रूप से लंबे समय तक निवेश करते हैं और शेयर बाजार में सट्टा नहीं करते हैं, तो आपका पैसा सुरक्षित भी रहेगा और कई गुना बढ़ जाएगा।
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