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आइए जानते हैं म्यूचुअल फंड के जरिए रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning)

 

जब हम बूढ़े हो जाते हैं तो न तो आप और न ही कोई भी व्यक्ति गरीब रहना चाहता है। तो फिर आपको अपने रिटायरमेंट के लिए बचत करने की जरूरत  है। और म्यूचुअल फंड  (Mutual Fund) इस काम में सबसे अच्छा विकल्प है। लेकिन मुझे कितना निवेश करना होगा? मुझे कितने साल के लिए निवेश करना होगा? और कौन सा म्यूचुअल फ़ंड प्लान मेरे लिए सबसे बेस्ट होगा? ऐसे सवाल आपको हो सकते हैं। तो आइए रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning) की तकनीकों के जरिए ऐसे सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं।

 

आरामदायक रिटायरमेंट के लिए कितने पैसे की जरूरत होगी? 

 

रिटायरमेंट प्लानिंग  (Retirement Planning) एक बहुत महत्वपूर्ण बात है। हमारे अधिकांश निवेश हमें रिटायरमेंट प्लानिंग  की ओर ले जाते हैं। सभी को रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning) करनी चाहिए। लेकिन आरामदायक रिटायरमेंट (Retirement) के लिए कितने पैसे की जरूरत होगी इसका जवाब प्रत्येक व्यक्ति की जीवनशैली और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। इसके अलावा रिटायरमेंट प्लानिंग करते समय परिवार के कितने सदस्य आप पर निर्भर हैं? उस पर भी ध्यान रखना चाहिए। जब आप रिटायर होते हैं तो आपके पास कितनी संपत्ति (Asset) है और इन संपत्तियों पर आपको कितना रिटर्न (Return) मिल रहा है? क्या आपके पास खुद का एक घर है या फिर आप किराए के घर में रह रहे है?

 

रिटायरमेंट प्लानिंग करते समय क्या ध्यान में रखना चाहिए?

 

आपके रिटायरमेंट में ये सभी चीजें बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगर आपको हर महीने 1 लाख रुपये की जरूरत है तो फिर यह प्रति वर्ष 12 लाख रुपये होते है। इसलिए रिटायरमेंट प्लानिंग करते समय महंगाई (Inflation) को ध्यान में रखते हुए हिसाब लगाना चाहिए कि आपको 20 या 30 साल बाद हर साल कितने पैसे की जरूरत होगी। रिटायरमेंट प्लानिंग करते समय यह ध्यान में रखना जरूरी है के भविष्य में आपको पेंशन (Pension) और रेंटल इनकम(Rental Income) मिलनेवाली  है या नहीं। और अगर पेंशन और रेंटल इनकम मिलनेवाली है तो बाकी की जरूरत निवेश (Investment)के जरिए हासिल की जा सकती है। लेकिन अगर आपके पास पेंशन या किराये की आय (Rental Income) नहीं है, तो आपको अपनी जरूरतों के लिए पूरी तरह से निवेश पर निर्भर रहना होगा।

 

जब हम रिटायरमेंट प्लानिंग करते है तो निवेश पर 4 % निकासी दर (Withdrawal Rate) को बनाए रखते हुए योजना बनाए जानी चाहिए और इससे आपके रिटायरमेंट के शुरुआती वर्षो में आपकी मासिक जरूरते पूरी हो जाएंगी। ऐसा करना इस लिए भी जरूरी है क्योंकि आपकी पूंजी भी बढ़नी (Capital Growth) चाहिए। अगर आज हर महीने 1 लाख रुपये की जरूरत है तो 5 साल बाद महंगाई (Inflation) को देखते हुए 1.50 लाख रुपये की जरूरत होगी।

 


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रिटायरमेंट प्लान कैसा होना चाहिए?

 

 

रिटायरमेंट प्लान (Retirement Plan) ऐसा होना चाहिए जिससे आप आप की बढ़ती जरूरत को पूरा कर सकें। और यह आपके निवेश (Investment) पर 4-5% निकासी दर (Withdrawal Rate) से संभव है। रिटायरमेंट प्लानिंग करते समय हमें यह ध्यान रखना होगा कि लाइफ एक्सपेक्टेंसी (Life Expectancy) बढ़ गई है और हम लंबी उम्र जीने वाले हैं। वृद्धावस्था में चिकित्सा खर्चो (Medical Expenses) में वृद्धि होना निश्चित है। जब हम युवा होते हैं तो स्वास्थ्य की लागत (Health Cost) कम होती है। लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, हमारे मेडिकल खर्चे भी बढ़ते जाते है। आम तौर पर हम सभी कोई रिटायरमेंट प्लान या स्कीम में निवेश करते हैं।

 

नेशनल पेंशन स्कीम के जरिए रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे करें? 

 

NPS (National Pension Scheme) भी रिटायरमेंट प्लानिंग करने का एक अच्छा तरीका है। अगर रिटायरमेंट प्लान में आपके पास  20-30 साल की अवधि है और इस दौरान आप नियमित रूप से निवेश करना जारी रखते हैं और धीरे-धीरे अपना निवेश बढ़ाते हैं और अपने निवेशित पैसे को वापस नहीं लेते हैं, तो इस निवेश को कंपाउंडिंग (Compounding) का लाभ मिलता है। यदि आप एनपीएस  (NPS) के माध्यम से निवेश करते हैं, तो आप केवल 75% ही इक्विटी (Equity) में रख सकते हैं। यदि आप म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश करके रिटायरमेंट प्लानिंग करते हैं, तो आप पहले 15-20 वर्षों के लिए आपका 100% निवेश इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड (Equity Mutual Fund) में  रख सकते हैं। यदि आप रिटायरमेंट प्लान में आपका सारा पैसा फ़िक्स्ड डिपॉज़िट (Fixed Deposit) में रखने का निर्णय लेते हैं तो इस प्लान की सफलता की संभावना बहुत कम है। क्योंकि फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर टैक्स के कारण आपको कम रिटर्न मिलेगा और फिक्स्ड डिपॉजिट महंगाई (Inflation) से ज्यादा रिटर्न नहीं दे सकता है।

     

पोस्ट रिटायरमेंट में कौनसे फंड में निवेश करना चाहिए? 

  

अगर रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning) में म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश किया जाता है तो यह एक अच्छा विकल्प होगा। रिटायरमेंट की योजना बनाते समय आपको पोस्ट रिटायरमेंट पीरियड (Post Retirement Period) को भी ध्यान में रखना होगा। क्योंकि यह बहुत लंबी अवधि है। रिटायरमेंट के बाद की अवधि के दौरान भी महंगाई का असर आपके पोर्टफोलियो पर पड़ेगा। इसलिए पोस्ट रिटायरमेंट में आपको बैलेंस्ड फंड (Balanced Fund) में पैसे निवेश करने चाहिए ताकि आपको इक्विटीऔर डेट इनवेस्टमेंट (Equity and Debt Investment) का फायदा मिल सके। और लगातार पोर्टफोलियो रिबैलेंसिंग (Portfolio Rebalancing) से बच सके।

 

तो इस प्रकार जितनी जल्दी आप रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning) को लागू करेंगे, आपके रिटायरमेंट (Retirement) के लिए उतना ही अच्छा होगा।

 

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Niketu Dave
I am an MBA and an AMFI (Association of Mutual Funds of India) registered Mutual Fund Distributor. I am passionate about Personal Finance, Investment, Mutual Funds and Share Markets. Facebook LinkedIn

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