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फ़र्स्ट टाइम निवेशक के लिए बेसिक इनवेस्टमेंट गाइड (Investment Guide)

 

यदि आप फ़र्स्ट टाइम निवेशक हैं, तो आप निश्चित रूप से सोच रहे होंगे कि आपको कहां निवेश करना चाहिए। इसलिए मुझे उम्मीद है कि यहां दिए गए बेसिक इनवेस्टमेंट गाइड (Basic Investment Guide)  नए निवेशक मित्रों के लिए बहुत उपयोगी होंगी।

 

आपके निवेश विकल्प (Investment Options) मुख्य रूप से दो चीजों पर निर्भर करते हैं। एक तो आपके निवेश की अवधि (Investment Period) और दूसरी आपकी जोखिम उठाने की क्षमता। मेरे मुताबिक प्रत्येक निवेशक को अल्पकालिक (Short-Term) और मध्यम अवधि (Medium-Term) के वित्तीय लक्ष्यों (Financial Goals) के पैसे सुरक्षित साधनों में निवेश करने चाहिए। इस फाइनेंशियल गोल के लिए सुरक्षित डेट फंड (Debt Fund) एक अच्छा विकल्प है। आपको यह प्रश्न होना स्वाभाविक हैं कि ऐसा करना क्यों जरूरी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब आपके पास अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कम समय होता है और आप ऐसे समय में पैसा खो देते हैं, तो आप इस नुकसान को शायद सहन नहीं कर सकेंगे।    

 

यदि आपका वित्तीय लक्ष्य केवल कुछ महीनों या एक वर्ष में है, तो आपको अपना पैसा केवल बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) या लिक्विड फंड (Liquid Fund) में रखना चाहिए। और अगर आपको कुछ सालों के बाद पैसे की जरूरत है तो आपको शॉर्ट टर्म डेट फंड (Short-Term Debt Fund) में निवेश करना चाहिए। और पांच साल या उससे अधिक के दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्य (Long-Term Financial Goal) के लिए आपको इक्विटी (Equity) में निवेश करना चाहिए।

Short-Term निवेश के लिए विकल्प क्या है? 

 

बैंक डिपॉजिट 

 

बैंक में की हुए फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) निवेश का सबसे सुरक्षित साधन है। और इसके अलावा बैंक डिपॉज़िट पर आपको निर्धारित रिटर्न भी मिलता है। लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट को लेकर समस्या यह है कि उन पर टैक्स लगता है। आपको फिक्स्ड डिपॉजिट में इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) का पैसा निवेश करना चाहिए। या फ़िक्स्ड डिपॉज़िट में ऐसे पैसे निवेश करने चाहिए जिसकी जरूरत कुछ महीनों या सालों में होनेवाली है।    

 

कंपनी की फिक्स्ड डिपॉजिट 

 

कंपनी की फिक्स्ड डिपॉजिट बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट से थोड़ा ज्यादा रिटर्न देती है। लेकिन किसी कंपनी के फिक्स्ड डिपॉजिट में जोखिम की मात्रा बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट से अधिक होती है। अगर आप किसी कंपनी के फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना चाहते हैं, तो सबसे पहले उस कंपनी की रेटिंग की जांच करना बहुत जरूरी है। और आपको अपना सारा पैसा सिर्फ एक ही कंपनी के फिक्स्ड डिपॉजिट के बजाय अलग-अलग कंपनी के फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना चाहिए।   

 

डेट फंड 

 

डेट फंड पर भी टैक्स लगता है, लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में थोड़ा अधिक रिटर्न मिलने की संभावना है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए आपको बड़ी सावधानी से डेट फंड (Debt Fund) का चुनाव करना चाहिए। अगर निवेश की राशि कम है तो फिक्स्ड डिपॉजिट और डेट फंड के रिटर्न में ज्यादा अंतर नहीं आएगा। आपको कुछ हफ्तों या कुछ महीनों के लिए निवेश करना है तो ऐसे पैसे को लिक्विड फंड में निवेश करना चाहिए। यदि आपके पैसे को कुछ महीनों या एक साल के लिए निवेश करना है तो अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म फंड (Ultra Short-Term Fund) में निवेश करना चाहिए। जबकि 2 से 3 साल की अवधि के लिए आपको शॉर्ट-टर्म डेट फंड (Short-Term Debt Fund) में पैसा निवेश करना चाहिए।

 


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Long Term निवेश के विकल्प क्या है?

 

लॉन्ग टर्म डेट फंड 

 

यदि आपके पास तीन साल से अधिक की निवेश अवधि है, तो आपके लिए डेट फंड में निवेश करना उचित है। ऐसा इसलिए है क्योंकि तीन साल से अधिक की अवधि के लिए 20% इंडेक्सेशन के लाभ के साथ डेट फंड पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (Long-Term Capital Gain Tax) लगाया जाता है।अगर आप टॉप के टैक्स स्लैब में आते हैं तो आपको इंडेक्सेशन से फायदा होगा।

 

इक्विटी म्यूचुअल फंड 

 

यदि आपके पास 5 साल या उससे ज्यादा का समय है तो आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) में निवेश करना चाहिए। और अगर आप इनकम टैक्स ऐक्ट की धारा 80 सी के तहत टैक्स बचाना चाहते हैं तो आपको ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (Equity Linked Savings Scheme) में निवेश करना चाहिए। लेकिन आपको यह जानने की जरूरत है कि ELSS  में तीन साल की लॉक-इन अवधि होती है । अगर आप कंजर्वेटिव इनवेस्टर हैं तो आपको बैलेंस्ड फंड (Balanced Fund) में निवेश करना चाहिए।

 

शेयर 

 

शेयरों में सीधे निवेश करना जितना लाभदायक है उतना ही जोखिम भरा भी है। अगर आपको शेयर बाजार की अच्छी जानकारी है तो ही आपको सीधे शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए।  

 

Tax-Savings के विकल्प क्या है?

 

PPF (Public Provident Fund) 

 

पीपीएफ रूढ़िवादी निवेशक के लिए एक आदर्श दीर्घकालिक कर-बचत (Tax-Saving) विकल्प है। PPF में आप एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं। और यह राशि आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर बचाने के लिए मान्य है। पीपीएफ में जमा होने वाला ब्याज भी पूरी तरह से टैक्स फ्री है।

 

ELSS (Equity Linked Savings Scheme) 

 

यदि आप एक आक्रामक निवेशक हैं तो  कर बचाने के लिए ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम) सबसे अच्छा विकल्प है। ईएलएसएस में 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है। यदि आप बाजार के उतार–चढ़ाव के कारण तीन साल से अधिक समय तक इंतजार करने के लिए तैयार हैं तो ही आपको ELSS फ़ंड में निवेश करना चाहिए। क्योंकि आपका रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव के अधीन है। 

 

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Niketu Dave
I am an MBA and an AMFI (Association of Mutual Funds of India) registered Mutual Fund Distributor. I am passionate about Personal Finance, Investment, Mutual Funds and Share Markets. Facebook LinkedIn