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म्यूचुअल फ़ंड रेटिंग के (Mutual Fund Rating) के माध्यम से Financial Freedom कैसे प्राप्त करें?

 

मेरा ऐसा मानना है की हर म्यूचुअल फ़ंड निवेशक को यह जानना जरूरी है कि म्यूचुअल फ़ंड रेटिंग (Mutual Fund Rating) क्या होता है और इसके माध्यम से Financial Freedom कैसे पायी जाती है। आइए जानते हैं कि यह म्यूचुअल फंड रेटिंग हमारे निवेश के फैसले को कैसे प्रभावित करती है और हम इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। अधिकांश म्यूचुअल फंड की रेटिंग सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त रिसर्च कंपनियों  (Research Company) द्वारा उनकी वेबसाइटों पर प्रकाशित की जाती हैं।

 

म्यूचूअल फंड रेटिंग की खामी क्या है?

 

हाल ही में देखा गया है कि अच्छे फ़ंड रेटिंग वाली स्कीमों में भी दिक्कतें आ रही हैं। और ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पिछले कई सालों में ऐसा अक्सर हुआ है कि अच्छी रेटिंग वाले म्यूचुअल फ़ंड (Good Rating Mutual Fund) को कम रिटर्न मिला हो। और अच्छी तरह से रेटेड डेट फंड  (Debt Fund) ने क्रेडिट रिस्क (Credit Risk) के कारण लिक्विडिटी (Liquidity) की समस्याओं का भी अनुभव किया हैं। इसलिए, प्रत्येक निवेशक मित्र को निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड की रेटिंग की विधि को अच्छी तरह से समझना होगा। और उसके बाद ही यह जानना चाहिए कि इसका उपयोग कैसे किया जाए। ज्यादातर रिसर्च कंपनियां उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर म्यूचुअल फंड को रेटिंग देती हैं। अब इस रेटिंग की एक खामी यह है कि यह रेटिंग म्यूचुअल फंड के पिछले वर्षों के आंकड़ों पर आधारित है। लेकिन उसके आधार पर, यह कहना उचित नहीं है कि भविष्य में भी ऐसा ही होगा। यह अक्सर देखा गया है कि म्यूचुअल फंड स्कीम (Mutual Fund Scheme) पिछले वर्षों में प्राप्त रिटर्न को पुनर्प्राप्त नहीं कर पाई है।

 

म्यूचूअल फंड स्कीम को रेटिंग कैसे दी जाती है?

 

इस रेटिंग को पाने के लिए, म्यूचुअल फंड स्कीम (Mutual Fund Scheme)  को उसी कैटेगरी  में दूसरे फंड से तुलना करके रेटिंग दी जाती है। लेकिन समस्या यह है कि अगर इस श्रेणी के सभी फंड अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं तो भी एक फंड को अच्छा रेटिंग मिलता है। और कभी-कभी इसके विपरीत भी देखने को मिलता है।

 

अब अगर म्यूचुअल फंड कैटेगरी आपके जोखिम को सहन करने की क्षमता के अनुरूप नहीं है, तो उस कैटेगरी का फंड रेटिंग (Fund Rating) आपके लिए कोई मायने नहीं रखती है। क्योंकि इस प्रकार के म्यूचुअल फंड आपकी जोखिम लेने की क्षमता (Risk Appetite) के अनुकूल नहीं है। अब यह भी देखा जाता है कि जिन निवेशक मित्रों को इक्विटी हाइब्रिड फंड (Equity Hybrid Fund) यानी बैलेंस्ड फंड (Balanced Fund) में निवेश करना चाहिए, उन्होंने मिड कैप फंड (Mid-Cap Fund) या स्मॉल-कैप फंड  (Small-Cap Fund) में निवेश किया है। और यही समस्या डेट फंड (Debt Fund) में भी पैदा हुई है। जिन मित्रों को लिक्विड फंड (Liquid Fund) या अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म फंड  (Ultra Short-Term Fund) में निवेश करना चाहिए, उन्होंने अनावश्यक क्रेडिट रिस्क  फंड (Credit Risk Fund) में निवेश किया है।

 


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म्यूचुअल फंड की रेटिंग का उपयोग कैसे करें?

 

इसलिए हमें यह समझना होगा कि निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड की रेटिंग (Mutual Fund Rating) का उपयोग कैसे करें। सबसे पहले हमें अपनी जोखिम लेने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए उस कैटेगरी के कोई एक फ़ंड का चयन करना चाहिए। और कम रेटेड फंड से दूर रहना चाहिए। और ऐसा करने के बाद ही फंड का चयन करना चाहिए। लेकिन ज्यादातर निवेशक मित्र ऐसा नहीं करते हैं। म्यूचुअल फंड रेटिंग (Mutual Fund Rating) का इस्तेमाल निवेशक के शॉर्ट-टर्म (Short-Term) या लॉन्ग-टर्म (Long-Term) फाइनेंशियल गोल (Financial Goal) को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए। इस प्रकार, फंड रेटिंग का उपयोग केवल वित्तीय लक्ष्य ( Financial Goal ) को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।   

 

इस तरह म्यूचुअल फंड रेटिंग (Mutual Fund Rating) की मदद से निवेशक मित्र फाइनेंशियल फ्रीडम (Financial Freedom) हासिल कर सकते हैं। 

 

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Image Credits: Photo by Sohel Patel from Pexels

Niketu Dave
I am an MBA and an AMFI (Association of Mutual Funds of India) registered Mutual Fund Distributor. I am passionate about Personal Finance, Investment, Mutual Funds and Share Markets. Facebook LinkedIn