best time to sell mutual fund image
Mutual Funds

क्या आप Mutual Fund बेचने का सही समय जानते हैं ???

 

एक जागरूक निवेशक (Investor) के रूप में, आपको यह सीखना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में किया हुआ अपना निवेश कब बेचना चाहिए। इसके लिए आपको म्यूचुअल फंड से मिलने वाले संकेतों को समझना होगा।

 

अधिकांश म्यूचुअल फंड निवेशकों (Mutual Fund Investors)  का मानना ​​है कि एक बार जब आप म्यूचुअल फंड खरीदते हैं और स्थायी रूप से इसमें निवेश करते रहते हैं, तो धन सृजन (Wealth Creation) अपने आप हो जाएगा। लेकिन वे यह नहीं जानते कि यह सभी म्युचुअल फंड के लिए सही नहीं हैं। आपको समय-समय पर अपने म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन (Mutual Fund Performance) की समीक्षा करनी चाहिए। और उसके बाद ही आपको यह तय करना चाहिए कि आपका म्यूचुअल फंड अच्छा रिटर्न देता है या नहीं। आपको शेयर बाजार की सभी बुरी खबरों से डरने की जरूरत नहीं है। तो चलिए जानते हैं कि आपको म्यूचुअल फंड में किए हुए अपने निवेश को किन परिस्थितियों में बेचना चाहिए।

 

म्यूचुअल फंड में किए हुए  निवेश को किन परिस्थितियों में बेचना चाहिए?

 

Mutual Fund का परफॉर्मन्स 

 

यदि आपका म्यूचुअल फंड अपनी कैटेगरी में लगातार खराब प्रदर्शन करता है तो आपको अपने म्यूचुअल फंड पर विचार करना चाहिए। लेकिन अगर आपका म्यूचुअल फंड शॉर्ट टर्म में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है, तो आपको इसे नहीं बेचना चाहिए।अक्सर ऐसा देखा गया है कि लंबे समय में अच्छा रिटर्न देने वाले म्यूचुअल फ़ंड शॉर्ट-टर्म में नेगेटिव रिटर्न भी देते हैं। ऐसी स्थिति में आपको प्रतीक्षा और देखने  ( Wait and Watch ) की नीति अपनानी चाहिए। म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन ( Mutual Fund Performance ) को जानने के लिए अलग-अलग रिसर्च कंपनीयों ( Research Companies ) की रेटिंग का भी उपयोग करना चाहिए।

 


यह भी पढ़ें:

क्या आप Mutual Fund की सबसे अच्छी Asset Allocation Strategy जानते हैं?

क्या Multi-Cap Funds में निवेश करना बेहतर है या आपको Large, Mid और Small Cap में अलग से निवेश करना चाहिए?

क्या रिटेल इनवेस्टर को डेट फंड ( Debt Fund ) में निवेश करना चाहिए ?


 

म्यूचुअल फंड के मैंडेट में बदलाव 

 

यदिआपका म्यूचुअल फंड अपनी निवेश शैली (Investment Pattern) में बदलाव करता है तो आपको ऐसे म्यूचुअल फंड से रिडीम करने पर विचार करना चाहिए। मान लीजिए कि आपने लार्ज-कैप फंड (Large-Cap Fund) में निवेश किया है लेकिन अगर आपका म्यूचुअल फंड मिड-कैप फंड (Mid-Cap Fund) के रूप में काम करना शुरू कर देता है तो आपको अपनी जोखिम लेने की क्षमता (Risk Appetite) को ध्यान में रखते हुए कोई निर्णय लेना चाहिए। इसी तरह अगर कोई डेट फंड (Debt Fund) लोअर रेटेड सिक्योरिटीज में निवेश करता है तो आपको इससे बाहर निकल जाना चाहिए।

 

 नए फंड मैनेजर का आगमन 

 

प्रत्येक म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन में उसके फंड मैनेजर के काम करने के तरीके का बहुत बड़ा योगदान होता है। अगर आपके म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर (Mutual Fund Manager) में अचानक कोई बदलाव आया है तो आपको सावधान रहने की जरूरत है।

 

म्यूचुअल फ़ंड कि Ownership में बदलाव

 

अगर आपके म्यूचुअल फंड का मालिकाना हक बदलता है तो उसकी इनवेस्टमेंट फिलोसोफी (Investment Philosophy) में बदलाव आएगा और उसकी कार्यशैली भी बदल सकती है। इस प्रकार प्रबंधन (Management) में बदलाव भी एक महत्वपूर्ण पहलू है।

 

Liquidity की आवश्यकता 

 

अगर जिस फाइनेंशियल गोल (Financial Goal) के लिए आपने म्यूचुअल फंड में निवेश किया है, वह पूरा होने वाला है तो आप म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश को रिडीम कर सकते हैं। या फिर आप इस निवेश को इक्विटी फंड ( Equity Fund ) से डेट फंड (Debt Fund) में ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके लिए आपको SWP (Systematic Withdrawal Plan) या STP (Systematic Transfer Plan) का उपयोग करना चाहिए। ऐसा करने से आप बाजार के उतार-चढ़ाव (Share Market Volatility) से बच जाएंगे। और म्यूच्यूअल फंड् को सिर्फ अच्छे शॉर्ट टर्म गेन (Short-Term Gain) के लिए नहीं बेचा जाना चाहिए। और अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपका निवेश लक्ष्य (Investment Goal) प्रभावित होगा। और आप लंबे समय में मिलनेवाले इक्विटी फंड (Equity Fund)  के लाभों से वंचित हो जाएंगे।  

 

This post ends here. Please do visit our homepage for more such post.

Image Credits: Background photo created by pvproductions – www.freepik.com

    Niketu Dave
    I am an MBA and an AMFI (Association of Mutual Funds of India) registered Mutual Fund Distributor. I am passionate about Personal Finance, Investment, Mutual Funds and Share Markets. Facebook LinkedIn